आजकल सोलर पैनल्स का उपयोग बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी बढ़ गया है। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ बिजली की समस्या आम होती है, वहाँ सोलर पैनल्स एक बेहतरीन विकल्प बन गए हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि आटा चक्की जैसे भारी लोड वाली मशीन को सोलर पैनल से कैसे चलाया जा सकता है, तो इस लेख में हम आपको पूरी जानकारी देंगे।
पीएम सुर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल लगाना हुआ सस्ता
भारत सरकार ने पीएम सुर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल इंस्टॉलेशन को काफी किफायती बना दिया है। इस योजना के तहत सरकार 60% तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे सोलर पैनल्स लगाने का खर्च काफी कम हो जाता है।
अगर आप आटा चक्की के लिए सोलर पैनल लगाने का सोच रहे हैं, तो यह योजना आपके लिए लाभदायक हो सकती है।
क्या सोलर पैनल भारी लोड को संभाल सकते हैं?
सोलर पैनल्स से आप भारी लोड वाली मशीनें, जैसे आटा चक्की, पंखा, फ्रिज और यहां तक कि AC भी चला सकते हैं।
सोलर पैनल्स की तकनीक जैसे फोटोवोल्टाइक (PV) सेल्स सूरज की किरणों को सीधे बिजली में बदल देते हैं। बहुत सारे सोलर पैनल पैरेलल में जुड़कर एक हाई वोल्टेज generate करते है, जो की भारी लोड को चलाने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा यदि आप पीएम सुर्यघर योजना के तहत सोलर सिस्टम लगाते है तो इसमे आपका सोलर सिस्टम ग्रिड से कनेक्टेड होता है। इससे आप ख़राब मौसम या रात के समय ग्रिड से पॉवर ले सकते है। इससे आपको दिन-रात की बिजली की चिंता नहीं करनी पड़ती है।
आटा चक्की के लिए कितनी पावर की जरूरत होती है?
आटा चक्की का पावर कंजम्पशन इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितनी क्षमता की है और आप उसका उपयोग कितने समय के लिए कर रहे हैं। आमतौर पर एक छोटी घरेलू आटा चक्की 1 से 2 हॉर्सपावर (HP) की होती है, जबकि बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली आटा चक्की 3 से 5 HP तक की हो सकती है।
पावर की गणना:
1 HP = 746 वाट
अगर आप 2 HP की आटा चक्की चला रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उसे लगभग 1500 वाट या 1.5 kW पावर की जरूरत होगी।
कितने kW के सोलर पैनल की आवश्यकता होगी?
अब बात आती है कि अगर आपकी आटा चक्की 1.5 kW पावर का उपयोग करती है, तो इसके लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत पड़ेगी। सोलर पैनल की आउटपुट क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि वे कितनी धूप में काम कर रहे हैं। आमतौर पर, 1 kW के सोलर पैनल सिस्टम में 3-4 सोलर पैनल होते हैं और यह 4-5 घंटे धूप में काम करके लगभग 4-5 यूनिट बिजली जनरेट कर सकता है।
इस आधार पर, अगर आपकी आटा चक्की 1.5 kW पावर कंज़्यूम कर रही है, तो आपको लगभग 2-3 kW का सोलर पैनल सिस्टम चाहिए होगा, ताकि यह आपकी जरूरत पूरी कर सके।
सोलर पैनल की संख्या का निर्धारण कैसे करें?
यहाँ एक आसान टेबल के जरिए समझते हैं कि कितनी पावर के लिए कितने सोलर पैनल चाहिए होंगे:
आटा चक्की की पावर (HP) | पावर आवश्यकता (kW) | सोलर पैनल की संख्या (330W प्रति पैनल) |
1 HP | 0.75 kW | 3-4 पैनल |
2 HP | 1.5 kW | 6 पैनल |
3 HP | 2.25 kW | 9 पैनल |
5 HP | 3.75 kW | 12-13 पैनल |
यदि आप 2kw का सोलर सिस्टम लगवाते है तो इसमें आपके लगभग 1-1.2 लाख रुपए का खर्चा आएगा। अगर आप पीएम सूर्यघर योजना के तहत लगाते है तो आपको 60% सब्सिडी मिलेगी यानी की आपके केवल 40,000 रुपये का खर्चा आएगा और आप लाइफ टाइम मुफ्त में बिजली उपयोग में ले सकते है।
ग्रिड बिजली बनाम सोलर बिजली: कौन बेहतर है?
आटा चक्की चलाने के लिए ग्रिड की बिजली का उपयोग करना महंगा हो सकता है, खासकर अगर आपके इलाके में बिजली की दरें ज्यादा और बिजली कटौती अधिक होती हैं। सोलर पैनल्स के उपयोग से आप एक बार इन्वेस्टमेंट करके अपनी बिजली की जरूरतें काफी हद तक पूरी कर सकते हैं। पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल लगाना काफी सस्ता हो गया है।
क्या सोलर आटा चक्की लगाकर बिजनेस कर सकते हैं?
बिल्कुल! 💡 सोलर आटा चक्की एक बढ़िया बिजनेस आइडिया हो सकता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां बिजली की समस्या होती है। एक बार आप सोलर सिस्टम सेटअप कर लेते हैं, तो आपकी बिजली की लागत शून्य हो जाती है और आप अपनी आटा चक्की को 24/7 चला सकते हैं।
ग्रामीण इलाकों में आटा चक्की का बिजनेस काफी प्रचलित है और अगर आप इसे सोलर पैनल के साथ जोड़ते हैं, तो यह काफी प्रॉफिटेबल हो सकता है। सोलर पैनल की वजह से आपको बिजली बिल की चिंता नहीं होगी, जिससे आपकी कमाई बढ़ जाएगी।
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