ACME Solar Holdings Pvt Ltd ने भारत के एनर्जी सेक्टर में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को NHPC द्वारा आंध्र प्रदेश में 275 मेगावॉट की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजना मिली है। यह प्रोजेक्ट कुप्पम और घनी नाम की दो साइट्स पर स्थापित किया जाएगा और इसमें कुल 550 MWh की स्टोरेज क्षमता होगी। खास बात यह है कि यह कंपनी का पहला स्टैंडअलोन बैटरी प्रोजेक्ट है, जिससे यह सिर्फ सोलर या हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स तक सीमित न रहकर अब एनर्जी स्टोरेज जैसे नए सेगमेंट में भी प्रवेश कर गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए टैरिफ की दरें क्रमशः ₹2.1 लाख/MW और ₹2.22 लाख/MW प्रति माह तय हुई हैं। इस परियोजना की शर्तों में यह भी शामिल है कि बैटरी सिस्टम हर दिन दो घंटे के दो ऑपरेशन साइकिल पूरे करेगा। सरकार इस प्रोजेक्ट को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के तहत सपोर्ट करेगी, जिसमें ₹27 लाख प्रति MWh या कुल प्रोजेक्ट लागत का 30% तक ग्रांट दी जाएगी।

ACME Solar के इस बड़े सौदे के बाद कंपनी के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। BSE में कंपनी का स्टॉक ₹248.20 से बढ़कर ₹255 तक पहुंच गया, जो 2.74% की तेजी को दर्शाता है। इस समय कंपनी का मार्केट कैप ₹15,024 करोड़ के पार चला गया है। हालांकि पिछले एक साल में स्टॉक ने -1.68% का नेगेटिव रिटर्न दिया था, लेकिन इस बड़ी जीत ने निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल किया है। यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि ACME Solar की रणनीतिक मजबूती और भारत के ऊर्जा क्षेत्र में उसकी बढ़ती भूमिका का संकेत है।
कंपनी की ग्रोथ भी इसी बात को साबित करती है। मार्च 2024 तक ACME की ऑपरेशनल कैपेसिटी 1,340 मेगावॉट थी, जो अब जून 2025 तक बढ़कर 2,826.2 मेगावॉट तक पहुंच गई है। यानी महज तीन महीनों में कंपनी की क्षमता में 110.9% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई है। यह दिखाता है कि कंपनी कितनी तेजी से अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने और कार्यान्वयन में अग्रणी बनती जा रही है। इस तेजी के पीछे ACME की तकनीकी विशेषज्ञता और गवर्नमेंट टेंडर्स को लेकर अपनाई गई आक्रामक रणनीति को माना जा रहा है।
ACME Solar ने वित्त वर्ष 2025 में अब तक कुल 1,900 मेगावॉट की नई परियोजनाएं भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल की हैं, जिससे इसका कुल बुक्ड पोर्टफोलियो 6,970 मेगावॉट तक पहुंच गया है। इन नई परियोजनाओं में 1,000 मेगावॉट Firm and Dispatchable Renewable Energy (FDRE), 600 मेगावॉट सोलर और 300 मेगावॉट हाइब्रिड प्रोजेक्ट शामिल हैं। कंपनी की यह डायवर्सिफाइड अप्रोच उसके दीर्घकालिक विजन को दर्शाती है, जिसमें वह सिर्फ एक तकनीक पर निर्भर न रहकर मल्टीपल एनर्जी सोर्सेज़ को संतुलित तरीके से अपनाने पर ध्यान दे रही है। यह रणनीति न सिर्फ कंपनी को जोखिम से बचाती है, बल्कि उसे भविष्य की अनिश्चितताओं से भी लड़ने की ताकत देती है।
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