अगर आपको लगता है कि भारत की रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री में कुछ बड़ा होने वाला है, तो ACME Solar Holdings Limited ने इसे सच कर दिखाया है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे ACME Solar ने NHPC के साथ मिलकर 680 MW का मेगा प्रोजेक्ट साइन किया है और इसका असर कंपनी के शेयर और भारत की ग्रीन एनर्जी मिशन पर कैसा रहेगा।

शेयरों में उछाल, लेकिन फिर गिरावट 📈
मंगलवार को ACME Solar के शेयरों ने बाज़ार में हलचल मचा दी। NHPC के साथ पॉवर परचेज एग्रीमेंट (PPA) साइन करने की खबर से कंपनी के शेयर 4.7% उछलकर ₹189.30 के हाई पर पहुंच गए। हालांकि, दिन के अंत तक यह ₹172.20 पर आ गए, जो पिछले बंद भाव ₹180.75 से 4.7% कम है।
ACME Solar का मार्केट कैप ₹10,268.34 करोड़ है और यह देश की टॉप 10 रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में शामिल है।
NHPC के साथ 680 MW का मेगा प्रोजेक्ट
ACME Solar ने NHPC के साथ 680 मेगावाट के फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (FDRE) प्रोजेक्ट के लिए PPA साइन किया है। यह प्रोजेक्ट गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में लागू होगा।
इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें सोलर, विंड और बैटरी स्टोरेज टेक्नोलॉजी का कॉम्बिनेशन है। यह न केवल एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ाएगा बल्कि पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद होगा। इसके तहत:
- एनुअल कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर (CUF): 40% गारंटी
- पीक-आवर कंप्लायंस: 90%
- ग्रीनहाउस गैस एमिशन में भारी कटौती
यह प्रोजेक्ट ACME Solar की भारत को क्लीन एनर्जी हब बनाने की यात्रा में एक और बड़ा कदम है।
ACME Solar: भारत की एनर्जी इंडस्ट्री का लीडर
ACME Solar फिलहाल 2,540 MW की ऑपरेशनल कैपेसिटी के साथ भारत की सबसे बड़ी इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (IPP) कंपनियों में से एक है। इसके अलावा 4,430 MW की क्षमता निर्माणाधीन है।
- H1 FY25 में शानदार ग्रोथ:
- CUF% 5.5% बढ़कर 24.6% हो गया।
- FY25 में अब तक 1,350 MW की क्षमता जीती गई है।
- कुल कॉन्ट्रैक्टेड पोर्टफोलियो: 6,720 MW।
हालांकि, H1 FY25 में कंपनी का रेवेन्यू 19.5% घटकर ₹260 करोड़ और नेट प्रॉफिट 61% गिरकर ₹15 करोड़ रह गया। कंपनी का डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो 5.46 है, जो इसकी वित्तीय स्थिति को थोड़ा चुनौतीपूर्ण बनाता है।
ACME Solar के शेयरों में निवेश करना चाहिए?
NHPC के साथ यह समझौता ACME Solar को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। हालांकि, कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट में गिरावट और हाई डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर सकता है।
अगर आप ग्रीन एनर्जी में रुचि रखते हैं और लॉन्ग-टर्म में निवेश करना चाहते हैं, तो यह कंपनी आपके पोर्टफोलियो में होनी चाहिए।
नोट: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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