अमेरिका की सीनेट से आई एक नई खबर ने वैश्विक सोलर मार्केट में खलबली मचा दी है। 18 जून को Waaree Energies के शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जो लगातार दूसरे दिन की गिरावट थी। इस गिरावट की बड़ी वजह अमेरिका की उस प्रस्तावित नीति को माना जा रहा है, जिसके तहत 2028 तक सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर दी जाने वाली टैक्स सब्सिडी को पूरी तरह खत्म करने की योजना बनाई गई है। इस खबर के बाद दुनियाभर की प्रमुख सोलर कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूट गए हैं।

अमेरिकी नीति में बड़ा बदलाव और उसका असर
सीनेट की इस ड्राफ्ट योजना के अनुसार, 2026 तक सोलर और विंड एनर्जी सब्सिडी को 60% तक घटा दिया जाएगा और फिर 2028 में पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बाइडेन प्रशासन की 2022 की Inflation Reduction Act के तहत ये सब्सिडी 2032 तक जारी रहने वाली थी। इस नीति में बदलाव से सोलर सेक्टर में निवेश करने वाले निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। वहीं, इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि हाइड्रोपावर, न्यूक्लियर और जियोथर्मल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को 2033 तक 100% टैक्स क्रेडिट मिलेगा और उसके बाद 2036 तक इसे भी चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जाएगा। हालांकि यह प्रस्ताव ट्रंप के पिछले बिल से थोड़ा नरम है, फिर भी इसका असर निवेशकों की भावना पर साफ दिख रहा है।
वैश्विक सोलर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट
अमेरिकी बाजार में लिस्टेड प्रमुख सोलर कंपनियों के शेयर इस खबर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। First Solar के शेयर करीब 18% टूटे, वहीं Solaredge Technologies में 33% तक की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका की सबसे बड़ी रूफटॉप सोलर कंपनी Sunrun के शेयर तो एक ही दिन में 40% तक धड़ाम हो गए। Waaree Energies, जिसकी अमेरिका में मजबूत उपस्थिति है, इस झटके से अछूती नहीं रही। पिछले 5 दिनों में इसके शेयरों में 5.5% की गिरावट दर्ज हुई है, जबकि पिछले एक महीने में लगभग 8% का नुकसान हुआ है। हालांकि, बीते एक साल की बात करें तो स्टॉक ने करीब 16% की बढ़त भी दी है।
Waaree Energies की अमेरिकी मौजूदगी और उसका भविष्य
Waaree Energies ने हाल ही में अमेरिका के टेक्सास में अपना सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरू किया था, जिससे यह अमेरिका में उत्पादन शुरू करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। यह प्लांट ब्रूक्सशायर में स्थित है और कंपनी के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। लेकिन अब जब अमेरिका में टैक्स सब्सिडी खत्म होने की बात हो रही है, तो इसका सीधा असर Waaree Energies की अमेरिका में होने वाली बिक्री और लाभ पर पड़ सकता है। यह बात भी गौर करने लायक है कि कंपनी का शेयर अभी ₹3,743 के 52-वीक हाई से करीब 27% नीचे ट्रेड कर रहा है, लेकिन ₹1,863 के लो से अभी भी करीब 46% ऊपर है।
निवेशकों के लिए चेतावनी या अवसर?
अब सवाल यह उठता है कि क्या मौजूदा गिरावट को निवेश का मौका समझा जाए या इससे दूर रहा जाए? अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं, तो Waaree Energies एक अच्छा विकल्प बन सकता है क्योंकि कंपनी के पास टेक्नोलॉजी, एक्सपर्टीज और इंटरनेशनल मार्केट में मौजूदगी का अनुभव है। हालांकि, शॉर्ट टर्म में शेयर और गिरे, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी। अमेरिकी नीति में आने वाले बदलावों को ध्यान में रखते हुए निवेश का फैसला लेना समझदारी होगी। निवेश से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि आपका निर्णय सोच-समझकर हो और नुकसान से बचा जा सके।
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