आजकल बिजली के बिल ने लोगों की नींद उड़ा रखी है, खासकर गर्मियों में जब AC पूरे दिन चलते रहते हैं। गर्मियों में AC चलाना अब कोई लग्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है। लेकिन बिजली के बढ़ते बिल लोगों की टेंशन बढ़ा देते हैं। ऐसे में सोलर सिस्टम एक बेहतरीन ऑप्शन है, जिससे आप AC भी चला सकते हैं और बिजली का बिल भी जीरो कर सकते हैं। अगर आपके घर में तीन AC हैं और आप चाहते हैं कि बिजली का बिल जीरो हो जाए, तो आपको सही सोलर सिस्टम लगवाने की जरूरत है। लेकिन सवाल यह है कि कितने kW का सोलर सिस्टम चाहिए और इसकी कीमत कितनी होगी? आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स!

AC की बिजली खपत का आकलन
सामान्यतः एक 1.5 टन का इन्वर्टर AC प्रति घंटे लगभग 1.2 से 1.5 यूनिट (किलोवाट-घंटा) बिजली की खपत करता है। यदि आप तीन ऐसे AC का उपयोग करते हैं और प्रत्येक दिन औसतन 8 घंटे चलाते हैं, तो दैनिक खपत होगी:
3 AC × 1.5 kWh × 8 घंटे = 36 kWh (यूनिट)
इसका मतलब है कि केवल AC के लिए ही प्रतिदिन 36 यूनिट बिजली की आवश्यकता होगी।
अन्य घरेलू उपकरणों की खपत
घर में अन्य उपकरण जैसे लाइट, पंखे, फ्रिज, टीवी आदि भी बिजली की खपत करते हैं। मान लें कि इन सभी की संयुक्त खपत प्रतिदिन लगभग 10 यूनिट है। तो कुल दैनिक खपत होगी:
36 यूनिट (AC) + 10 यूनिट (अन्य) = 46 यूनिट
सोलर सिस्टम की आवश्यक क्षमता
भारत में, एक किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम प्रतिदिन औसतन 4 से 5 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। इस आधार पर, 46 यूनिट बिजली उत्पन्न करने के लिए आवश्यक सोलर सिस्टम की क्षमता होगी:
46 यूनिट ÷ 5 यूनिट प्रति kW = 9.2 kW
अतः, आपको कम से कम 10 kW का सोलर सिस्टम स्थापित करना चाहिए ताकि आपकी दैनिक बिजली की आवश्यकता पूरी हो सके।
सोलर सिस्टम की लागत
सोलर सिस्टम की कीमतें ब्रांड, गुणवत्ता और तकनीक पर निर्भर करती हैं। वर्तमान में, प्रति किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत लगभग ₹50,000 से ₹60,000 के बीच हो सकती है। इस प्रकार, 10 kW सोलर सिस्टम की कुल लागत लगभग ₹5,00,000 से ₹6,00,000 तक हो सकती है।
- ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम: यह सिस्टम बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है और इसमें बैटरी स्टोरेज नहीं होता। इसकी कीमत कम होती है, लेकिन यह सिर्फ दिन में ही बिजली पैदा करता है। 10 kW के ऑन-ग्रिड सिस्टम की कीमत लगभग ₹4.5 लाख से ₹6 लाख तक हो सकती है।
- ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम: यह सिस्टम बैटरी स्टोरेज के साथ आता है, जिससे आप रात में भी सोलर एनर्जी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी कीमत ज्यादा होती है, लगभग ₹6 लाख से ₹7 लाख तक।
- हाइब्रिड सोलर सिस्टम: यह सिस्टम ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों का कॉम्बिनेशन होता है। इसमें बैटरी स्टोरेज भी होता है और यह ग्रिड से भी जुड़ा होता है। इसकी कीमत लगभग ₹6.5 लाख से ₹7.5 लाख तक हो सकती है।
सरकारी सब्सिडी
भारत सरकार सोलर सिस्टम स्थापना पर पीएम सूर्यघर योजना के तहत सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी की राशि राज्य और सोलर सिस्टम की क्षमता पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए 3 kW तक के सोलर सिस्टम पर लगभग 60% तक सब्सिडी मिल सकती है, जबकि 3 kW से अधिक और 10 kW तक के सिस्टम पर यह दर कम हो सकती है। 3kw या इससे अधिक क्षमता के सोलर सिस्टम पर अधिकतम ₹85,800 की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा मिलती है। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारें भी अतिरिक्त सब्सिडी और देती है जैसे उत्तर प्रदेश सरकार 3kw या इससे अधिक क्षमता के सोलर सिस्टम पर अतिरिक्त ₹30,000 की सब्सिडी और प्रदान करती है।
स्थापना से पहले ध्यान देने योग्य बातें:
- छत की जगह: 10 kW सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए पर्याप्त छत की जगह होनी चाहिए। सामान्यतः, प्रति किलोवाट सोलर पैनल के लिए 80 से 100 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होती है। अतः, 10 kW सिस्टम के लिए लगभग 800 से 1000 वर्ग फीट जगह चाहिए।
- सोलर पैनल का प्रकार: मोनोक्रिस्टलाइन पैनल्स अधिक दक्ष होते हैं, लेकिन पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल्स की कीमत कम होती है। अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार चयन करें।
- इन्वर्टर और बैटरी: सोलर पैनल से उत्पन्न डीसी बिजली को एसी में बदलने के लिए उपयुक्त क्षमता का इन्वर्टर आवश्यक है। यदि आप बैकअप चाहते हैं, तो बैटरी सिस्टम भी स्थापित कर सकते हैं, जिससे रात में या बिजली कटौती के दौरान भी बिजली उपलब्ध हो सके।
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My sanctioned load is 5kw, i want a solar system of 3kw is it permissible?
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