100 गुना ग्रोथ, 1 MMT ग्रीन ई-फ्यूल और अरबों की हाइड्रोजन डील! क्या Oriana Power बन रही है अगली टाटा पावर?

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Oriana Power Limited, जो एक स्मॉल-कैप सोलर कंपनी के रूप में जानी जाती है, अब धीरे-धीरे भारत की सबसे तेज़ी से उभरती रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में शामिल हो रही है। FY25 में कंपनी ने 400 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट्स सफलतापूर्वक पूरे किए हैं और 550 मेगावाट अभी निर्माणाधीन हैं। इसके साथ ही कंपनी ने 403 मेगावाट-ऑवर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) को भी हासिल किया है और 700 मेगावाट-ऑवर पाइपलाइन में है। कंपनी FY26 तक 1 गीगावाट सोलर प्रोजेक्ट्स और 1 गीगावाट-ऑवर BESS का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके अलावा, ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में Oriana की योजना 100 KTPA ई-मेथनॉल उत्पादन की है। FY30 तक यह कंपनी 6 GW सोलर EPC, 2.5 GW IPP, 3.5 GWh BESS, 1 GW इलेक्ट्रोलाइज़र और 1 MMT ग्रीन ई-फ्यूल उत्पादन जैसे मेगाप्लान्स को मूर्त रूप देने की तैयारी में है।

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अरबों की MoUs और हज़ारों एकड़ भूमि – मजबूत आधारभूत संरचना

किसी भी मेगा-स्केल एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए जरूरी है मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय सहयोग और Oriana Power ने इस मोर्चे पर भी खुद को साबित किया है। कंपनी के पास भारत के विभिन्न हिस्सों में 2,900 एकड़ से अधिक भूमि पहले से आरक्षित है, जो इसके भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए नींव का काम करेगी। इसके साथ ही कंपनी ने ₹15,500 करोड़ से अधिक के Memorandum of Understandings (MoUs) साइन किए हैं, जो सोलर, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में इसके विस्तार को मजबूती देंगे। इससे कंपनी को स्केलेबल प्रोजेक्ट्स को बिना किसी बाधा के तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी।

फाइनेंशियल ग्रोथ में जबरदस्त छलांग

Oriana Power ने न केवल प्रोजेक्ट्स के स्तर पर बल्कि वित्तीय मोर्चे पर भी शानदार प्रदर्शन किया है। H2 FY24 में ₹319 करोड़ की तुलना में H2 FY25 में इसका रेवेन्यू बढ़कर ₹628 करोड़ हो गया, जो 96.87% की वृद्धि है। वहीं कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹49 करोड़ से बढ़कर ₹110 करोड़ हो गया, यानी 124.49% की उछाल। पिछले 5 वर्षों में कंपनी ने रेवेन्यू में 115.98% और नेट प्रॉफिट में 175.60% की CAGR दर्ज की है। इसके अलावा Oriana Power का ROCE 42.3% और ROE 48.3% है, जो इसे निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक विकल्प बनाता है। EPS ₹78 है और इसका डेब्ट-टू-इक्विटी रेश्यो मात्र 0.53x है, जो इसकी बैलेंस शीट की मजबूती को दर्शाता है।

EPC से लेकर इंटरनेशनल एक्सपैंशन तक, हर दिशा में विस्तार

Oriana Power की नींव 2013 में रखी गई थी और तब से अब तक यह कंपनी सोलर एनर्जी के दो प्रमुख क्षेत्रों – EPC (Engineering, Procurement, Construction) और BOOT (Build, Own, Operate, Transfer) मॉडल पर काम कर रही है। कंपनी ऑन-साइट (रूफटॉप, फ्लोटिंग, ग्राउंड-माउंटेड) और ऑफ-साइट (ओपन एक्सेस सोलर फार्म) समाधान प्रदान करती है। Oriana की सेवाएं न केवल भारत के इंडस्ट्रियल, एजुकेशनल और सरकारी संस्थानों तक सीमित हैं, बल्कि यह अब केन्या, साउथ अफ्रीका और मिडिल ईस्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। इस तेजी से होते विस्तार और तकनीकी विशेषज्ञता को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि Oriana Power, आने वाले वर्षों में टाटा पावर जैसी बड़ी कंपनी को सीधी चुनौती दे सकती है।

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