Trina कंपनी ने कचरे से बनाया सोलर पैनल! दुनिया का पहला 100% रीसाइकल्ड मॉड्यूल लॉन्च

सोलर पैनल बनाने वाली चाइनीज़ कंपनी Trina Solar ने हाल ही में ऐसा कमाल कर दिया है जो दुनिया में शायद पहली बार हुआ है! उन्होंने “दुनिया का पहला पूरी तरह से रीसाइकल्ड क्रिस्टलाइन सिलिकॉन सोलर मॉड्यूल” लॉन्च किया है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह मॉड्यूल सिर्फ कचरे से बना है और इसकी परफॉर्मेंस कैसी होगी? तो जनाब, इस पैनल की एफिशिएंसी 20.7% है और यह 645 W से भी ज्यादा पावर प्रोड्यूस कर सकता है। मज़े की बात यह है कि ये पैनल पूरी तरह से पुराने और बेकार हो चुके सोलर पैनलों के हिस्सों से बनाया गया है। आइए, जानते हैं इस इनोवेटिव सोलर मॉड्यूल के बारे में कुछ और खास बातें।

Trina Creates Solar Panels from Waste

रीसाइकल्ड सोलर पैनल – आखिर इसमें क्या खास है?

Trina Solar का यह पैनल किसी साधारण सोलर पैनल जैसा नहीं है। इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे रीसाइकल्ड मटेरियल से तैयार किया गया है। कंपनी ने अपनी खुद की डेवलप की हुई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है जिससे इस पैनल में पुराने सिलिकॉन, सिल्वर, एल्यूमीनियम फ्रेम्स और ग्लास जैसी चीज़ों का पुनः उपयोग किया गया है। सोचिए, वो कचरा जो पहले किसी काम का नहीं था, अब वो इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस कर रहा है। सच में, यह एनवायरनमेंट-फ्रेंडली सोल्यूशन्स की दिशा में एक बड़ा कदम है। 

नये टेक्नोलॉजी का कमाल

Trina Solar ने बताया है कि इस सोलर मॉड्यूल को बनाने में उन्होंने “n-type TOPCon टेक्नोलॉजी” का इस्तेमाल किया है, जो इसे और भी ज़्यादा एफिशिएंट बनाता है। इसके अलावा, कंपनी ने इसे “गोल्डन-साइज़” डिजाइन दिया है, जो इसकी स्टेबिलिटी और पावर प्रोडक्शन को और बढ़ाता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि यह “n-type TOPCon” आखिर है क्या? दरअसल, यह एक खास तरह की टेक्नोलॉजी है जो सोलर पैनल की एफिशिएंसी को बढ़ाती है और इसकी लाइफ को भी लंबा करती है। इस टेक्नोलॉजी के चलते यह पैनल न केवल बेहतर तरीके से काम करता है बल्कि लंबे समय तक चलता भी है।

37 पेटेंट्स – इनोवेशन में कोई कमी नहीं

Trina Solar ने पीवी मॉड्यूल रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में 37 पेटेंट्स के लिए आवेदन किया है। यह पेटेंट्स दिखाते हैं कि कंपनी इनोवेशन को लेकर कितनी सीरियस है ।

कंपनी ने अपने बयान में यह भी बताया कि उन्होंने इंटरलेयर सेपरेशन रीएजेंट्स, केमिकल एचिंग टेक्नोलॉजी और वेट केमिकल सिल्वर एक्सट्रैक्शन जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया है। हालांकि, उन्होंने इसके तकनीकी विवरण ज्यादा शेयर नहीं किए हैं, पर इस बात में कोई शक नहीं है कि यह कदम सोलर इंडस्ट्री में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

क्यों है यह सोलर पैनल खास?

इस मॉड्यूल की सबसे बड़ी बात यही है कि इसे पूरी तरह से रीसाइकल्ड मटीरियल से बनाया गया है, जो पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद है। जब पूरी दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है, ऐसे में यह पैनल एक मिसाल बनकर सामने आया है। यह न केवल पावर जनरेट कर रहा है, बल्कि कचरे को भी नए तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।

सोचिए, अगर दुनिया भर में ऐसे सोलर पैनल्स का इस्तेमाल होने लगे, तो ना सिर्फ हमें सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी, बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी हम एक बड़ा योगदान देंगे।

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