डोनाल्ड ट्रम्प के संभावित नए टैरिफ नियमों ने Indian Solar Market में हलचल मचा दी है। अमेरिकी बाजार में निवेश करने वाली भारतीय सोलर कंपनियां अब अपनी रणनीति पर दोबारा विचार कर रही हैं। खासतौर पर Waaree Energies और Premier Energies जैसी बड़ी कंपनियां इस स्थिति को लेकर सतर्क हैं और अपनी बिजनेस प्लानिंग में बदलाव करने की तैयारी कर रही हैं।

Indian Solar Market की मौजूदा स्थिति
भारत का सोलर सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2024 में भारत ने 24.5 GW सोलर क्षमता जोड़ी, और 2025 में यह आंकड़ा 18 GW के पार जाने की उम्मीद है। सरकार की फेवरबल पॉलिसी, टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट और गिरती सोलर लागत के कारण भारत में सोलर एनर्जी का विस्तार तेजी से हो रहा है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक 500 GW क्लीन एनर्जी क्षमता स्थापित करना है, जिसमें सोलर का अहम योगदान रहेगा।
Premier Energies की नई रणनीति
Premier Energies ने अमेरिका में अपने सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में निवेश को फिलहाल रोक दिया है। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन के नए टैरिफ नियमों को लेकर स्थिति स्पष्ट होने तक वे इस दिशा में कोई बड़ा निवेश नहीं करेंगे। फिलहाल, कंपनी भारतीय बाजार पर ज्यादा फोकस कर रही है और अपनी एक्सपोर्ट सीमित करने का फैसला किया है।
Premier Energies का ऑर्डर बुक 4,539 MW का है, जिसकी कुल वैल्यू ₹6,946.1 करोड़ है। इसमें 63% हिस्सा सोलर मॉड्यूल्स का है, जबकि 36% सेल और 1% EPC सेवाओं से आ रहा है। कंपनी का कहना है कि अमेरिका में डिमांड तो काफी अच्छी है, लेकिन नए टैरिफ नियमों के कारण वे वहां अपनी उपस्थिति सीमित रखना चाहते हैं।
Waaree Energies का प्लान
Waaree Energies इस स्थिति को एक अलग नजरिए से देख रही है। कंपनी के सीईओ अमित पैठनकर ने हाल ही में Reuters को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वे अमेरिका में बढ़ती डिमांड को लेकर आश्वस्त हैं और संभावित इम्पोर्ट टैरिफ का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। Waaree का अमेरिका में पहले से ही एक मजबूत नेटवर्क है, और कंपनी टेक्सास में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना बना रही है।
Waaree Energies का ऑर्डर बुक 26.5 GW का है, जिसकी कुल वैल्यू ₹50,000 करोड़ है। इस ऑर्डर बुक का 46% हिस्सा भारत से आता है, जबकि 54% अंतरराष्ट्रीय बाजारों से। Waaree का मानना है कि अमेरिकी डिमांड आने वाले समय में और बढ़ेगी, और वे वहां अपने बिजनेस को आगे ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
वित्तीय प्रदर्शन पर नजर
Premier Energies ने Q3FY25 में ₹1,713 करोड़ की ऑपरेशन से रेवेन्यू दर्ज की, जो साल-दर-साल 140.58% की वृद्धि को दर्शाती है। कंपनी का नेट प्रॉफिट भी ₹255 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹43 करोड़ से 493% की ग्रोथ को दिखाता है।
दूसरी ओर, Waaree Energies ने Q3FY25 में ₹3,457 करोड़ की रेवेन्यू दर्ज की, जो पिछले साल के ₹1,596 करोड़ से 116.60% ज्यादा रही। नेट प्रॉफिट ₹507 करोड़ पहुंच गया, जो कि 259.57% की सालाना बढ़ोतरी को दर्शाता है।
ट्रम्प प्रशासन के नए टैरिफ नियमों से भारतीय सोलर कंपनियों के लिए अमेरिका में कारोबार करना कठिन हो सकता है। हालांकि, Premier Energies ने भारतीय बाजार पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है, जबकि Waaree Energies अमेरिका में संभावनाएं तलाशने में जुटी है।
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