भारत की सोलर एनर्जी सेक्टर में एक बड़ी खबर सामने आई है। वारी एनर्जीज लिमिटेड, जो भारत की प्रमुख सोलर PV मॉड्यूल निर्माता कंपनी है, ने गुजरात के चिखली में अपनी 1.4 GW मोनोक्रिस्टलाइन PERC (मोनो PERC) सोलर सेल प्रोडक्शन लाइन का कमर्शियल उत्पादन शुरू कर दिया है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह फैक्ट्री भारत को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है खास इस फैक्ट्री में?
यह फैक्ट्री भारत की सबसे बड़ी सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है, जिसकी कुल प्लान्ड क्षमता 5.4 GW है। इसमें से 1.4 GW का उत्पादन पहले चरण में शुरू हो गया है और अगले चरण में 4 GW हाई-एफिशिएंसी TOPCon सोलर सेल्स का उत्पादन शुरू किया जाएगा। यह फैक्ट्री न केवल भारत की बढ़ती हुई रिन्यूएबल एनर्जी की मांग को पूरा करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत को एक मजबूत सोलर टेक्नोलॉजी एक्सपोर्टर के रूप में स्थापित करेगी।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
वारी एनर्जीज के CEO डॉ. अमित पैठानकर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह फैक्ट्री भारत के लिए सोलर एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने में मदद करेगी। हम न केवल सोलर सेल्स का उत्पादन कर रहे हैं, बल्कि भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति को आगे बढ़ा रहे हैं।”
ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की मजबूती
इस फैक्ट्री का उद्देश्य न केवल भारत में सोलर एनर्जी की लागत को कम करना है, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में उतार-चढ़ाव के बीच भारत को एक स्थिर और विश्वसनीय सोलर टेक्नोलॉजी प्रदाता बनाना है। यह फैक्ट्री देशी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों को उच्च गुणवत्ता वाली सोलर टेक्नोलॉजी प्रदान करेगी, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
टेक्नोलॉजी और रोजगार का केंद्र
चिखली स्थित यह फैक्ट्री अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें ऑटोमेशन और सख्त क्वालिटी कंट्रोल प्रक्रियाएं शामिल हैं। यह न केवल दुनिया भर में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है, बल्कि इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह फैक्ट्री गुजरात के औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अमेरिका में भी मजबूत पकड़
वारी एनर्जीज ने हाल ही में अपने Q3 और नौ महीने के FY25 के ईयरिंग्स कॉन्फ्रेंस कॉल में अमेरिका में अपने ऑपरेशन्स के बारे में भी चर्चा की। डॉ. पैठानकर ने कहा, “हमारा उद्देश्य ऐसे ऑपरेशन्स बनाना है जो बाहरी कारकों पर निर्भर न हों। हमारे अमेरिकी ऑपरेशन्स अपने आप में लाभदायक हैं। अगर IRA (इनफ्लेशन रिडक्शन एक्ट) या इसी तरह का कोई प्रोग्राम जारी रहता है, तो यह हमारे व्यवसाय को और भी लाभ पहुंचाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के कुल निर्यात में अमेरिका का योगदान लगभग 20% है। उन्होंने कहा, “हमारी अमेरिकी फैक्ट्री हमारे लिए एक ताज के समान है, जो अमेरिका के लिए, अमेरिका में सोलर पैनल्स का निर्माण करती है। हमने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उस आह्वान को सुना था, जिसमें उन्होंने कंपनियों से अमेरिका में निर्माण करने का आग्रह किया था, और हम वही कर रहे हैं।”
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Mujhe 2 k solar system lagana hai Chhattisgarh me