ट्रंप के पॉलिसी झटके से सोलर कंपनियों में भूचाल! Waaree Energies के शेयर 9.4% गिरे, जानें पूरा मामला

Share This

सोमवार को Waaree Energies के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई, जो 9.4% लुढ़ककर ₹2,030 पर पहुंच गए। इसका कारण? अमेरिका में Donald Trump की संभावित नीतियां, जो renewable energy सेक्टर के लिए सिरदर्द बनती दिख रही हैं। निवेशकों में डर बढ़ रहा है कि Trump की नीतियां सोलर इम्पोर्ट्स पर टैरिफ बढ़ा सकती हैं और प्रोग्रेसिव क्लीन एनर्जी लॉ को पलट सकती हैं।

Waaree Energies shares fell 9.4 percent

बाकी कंपनियों पर भी पड़ा असर 

Waaree Energies के अलावा, बाकी renewable energy कंपनियां भी इस झटके से नहीं बच पाईं।

  • Adani Green Energy: 3% गिरकर ₹983 पर पहुंचा।
  • Premier Energies: 4.8% की गिरावट के साथ ₹952 पर आ गया।
  • NTPC Green Energy: 4.3% घटकर ₹107.35 पर पहुंच गया।
  • Suzlon Energy: 5% गिरावट के साथ ₹49.94 पर बंद हुआ।

Trump की नीतियां Biden प्रशासन की क्लीन एनर्जी सपोर्टिव पॉलिसी के बिल्कुल उलट हैं। इससे अमेरिकी बाजार में सोलर प्रोडक्ट्स की डिमांड पर असर पड़ सकता है, जो भारतीय सोलर कंपनियों के लिए बहुत बड़ा मार्केट है।

Trump के टैरिफ और ग्लोबल ओवरकैपेसिटी ने बढ़ाई मुश्किलें 

Trump के प्रशासन में सोलर इम्पोर्ट्स पर टैरिफ दोबारा लागू होने की संभावना है। Southeast Asia से सोलर मॉड्यूल्स के इम्पोर्ट पर भी असर पड़ सकता है। Waaree Energies और Premier Energies जैसी कंपनियां इन रिस्क को कम करने के लिए अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स सेटअप कर रही हैं। लेकिन इसमें भी चुनौतियां कम नहीं हैं।

  • ग्लोबल ओवरकैपेसिटी:
    Nuvama Research की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल सोलर मॉड्यूल की कीमतें अब तक के सबसे निचले स्तर $0.09 प्रति वॉट तक आ गई हैं। ओवरप्रोडक्शन और डिमांड में कमी ने कीमतों को लगभग 50% घटा दिया है।
  • भारतीय कंपनियों पर असर:
    Waaree और Premier Energies जैसी कंपनियां जो एक्सपोर्ट्स पर निर्भर हैं, उनकी प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव बढ़ रहा है।

Q3 रिजल्ट्स का इंतजार

Waaree Energies ने अपने Q3 FY2025 के नतीजों की घोषणा का शेड्यूल जारी कर दिया है। कंपनी ने कहा है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 30 जनवरी 2025 को होगी। इसमें दिसंबर 2024 को खत्म हुए क्वार्टर के स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पर चर्चा होगी।

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा:
“कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक गुरुवार, 30 जनवरी 2025 को होगी, जिसमें तीन महीने और नौ महीने की अवधि के लिए अन-ऑडिटेड फाइनेंशियल रिजल्ट्स पर विचार और स्वीकृति दी जाएगी।”

भारतीय सोलर इंडस्ट्री का भविष्य 

हालांकि शॉर्ट टर्म में चुनौतियां हैं, लेकिन भारत की सोलर इंडस्ट्री का लॉन्ग-टर्म फ्यूचर अब भी पॉजिटिव है।

  • मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी:
    भारत में FY29 तक सोलर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी छह गुना बढ़ने की उम्मीद है।
  • PLI स्कीम:
    प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम और हाई इम्पोर्ट टैरिफ से इंडस्ट्री को मजबूत सपोर्ट मिल रहा है।

क्या भारतीय कंपनियां इस झटके से उबर पाएंगी? 

Waaree Energies और अन्य कंपनियों के लिए मौजूदा समय काफी चुनौतीपूर्ण है। ग्लोबल मार्केट में प्राइस वॉर और Trump की पॉलिसी से बढ़ते रिस्क ने इनके लिए अनिश्चितता बढ़ा दी है। लेकिन, भारत की डोमेस्टिक डिमांड और गवर्नमेंट सपोर्ट इन कंपनियों के लिए उम्मीद की किरण बन सकते हैं।

नोट: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

यह भी पढ़े – 👉 पीएम सुर्यघर योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी


Share This
Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Leave a Comment