Waaree Group, जो कि भारत का सबसे बड़ा solar PV modules निर्माता है, ने गुजरात के वलसाड में अपने Electrolyser Manufacturing Facility की नींव रखी है। यह बड़ी घोषणा 10 फरवरी को हुई, जो कि भारत के Clean Energy Transition में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस प्लांट का पहला फेज 300 MW की उत्पादन क्षमता के साथ शुरू होगा और इसे भारत के ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर के लिए एक गेम-चेंजर माना जा रहा है।

Waaree का यह प्लांट क्यों खास है?
Waaree Group ने इस प्लांट को National Green Hydrogen Mission के तहत विकसित किया है, जिसका मकसद भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। इस फैक्ट्री में Alkaline Electrolyser बनाए जाएंगे, जो स्टील, ट्रांसपोर्टेशन, रिफाइनिंग, केमिकल, फर्टिलाइजर, पावर जनरेशन और फूड जैसी इंडस्ट्रीज में कार्बन फ्री एनर्जी ट्रांजिशन को आसान बनाएंगे।
इससे भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए विदेशी इलेक्ट्रोलाइजर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और देश खुद अपने ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया और ई-फ्यूल्स का उत्पादन कर सकेगा।
Waaree क्यों कर रहा है इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट?
Waaree Group के CEO अनुज शर्मा ने कहा,
“हमारी यह इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी। हमारा मकसद इंडस्ट्रीज को मजबूत करना, नई नौकरियां पैदा करना और देश को एक सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर ले जाना है।”
Waaree की इस फैक्ट्री में हाई-टेक मशीनरी और ऑटोमेटेड असेंबली लाइन्स होंगी, जो बेहद कम पावर खपत में अत्याधुनिक इलेक्ट्रोलाइजर बनाएगी। यह इलेक्ट्रोलाइजर कम मेंटेनेंस और हाई एफिशिएंसी के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन आसान होगा।
हाई-टेक फैसिलिटी, लो पावर कंजम्प्शन!
Waaree के मुताबिक, यह प्लांट नई तकनीकों और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस से लैस होगा, जिससे हाई एफिशिएंसी, लॉन्ग-लाइफ और लो मेंटेनेंस वाले इलेक्ट्रोलाइज़र बनाए जा सकेंगे। कम बिजली खर्च करने वाले यह इलेक्ट्रोलाइज़र फ्लेक्सिबल ऑपरेशन के साथ काम करेंगे। फैक्ट्री में ऑटोमेटेड असेंबली लाइन्स भी होंगी, जिससे इलेक्ट्रोलाइज़र स्टैक्स का प्रेसिजन और बड़े स्केल पर उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
सरकार की मदद से मिलेगा बूस्ट
Waaree ने हाल ही में भारत सरकार की SIGHT (Strategic Interventions for Green Hydrogen Transition) स्कीम के तहत 300 MW इलेक्ट्रोलाइज़र मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी और 90,000 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए Production Linked Incentive (PLI) हासिल किया है। इससे Waaree का Hydrogen Supply Chain और मजबूत होगा, जिससे भारत में Green Hydrogen को सस्ता और किफायती बनाया जा सकेगा।
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