Waaree Energies का धमाका: गुजरात में शुरू की 5.4GW की सोलर फैक्ट्री, भारत बनेगा सोलर पावर का हब 

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भारत की प्रमुख सोलर कंपनी Waaree Energies Ltd ने गुजरात के चिखली में अपनी नई 5.4-GW सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का ट्रायल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। यह फैक्ट्री भारत की सबसे बड़ी और एडवांस सोलर सेल उत्पादन इकाई है। कंपनी का कहना है कि इस फैक्ट्री का मुख्य उद्देश्य देश में बढ़ती सोलर सेल की मांग को पूरा करना और भारत को ग्लोबल सोलर पावर हब बनाना है।

Waaree Opens 5.4GW Solar Plant in Gujarat

IPO से मिली बड़ी सफलता 

Waaree Energies ने अक्टूबर 2024 में अपना IPO लॉन्च किया था, जिससे कंपनी ने लगभग ₹43.21 बिलियन (504.1 मिलियन USD) जुटाए। इस राशि का इस्तेमाल नई फैक्ट्री स्थापित करने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में किया गया है। नई फैक्ट्री का उत्पादन मुख्य रूप से भारतीय बाजार में सप्लाई किया जाएगा, लेकिन इसका कुछ हिस्सा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात होगा।

बढ़ेगी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग

इस प्लांट में बनाए गए हाई एफिशिएंसी सोलर सेल्स से घरेलू मांग पूरी की जाएगी और भारत के सोलर प्रोडक्ट्स को इंटरनेशनल मार्केट्स में भी प्रमोट किया जाएगा। Waaree का यह प्लांट न सिर्फ भारत को ग्रीन एनर्जी में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में भी योगदान देगा।

Waaree की सोच: रिसर्च और इनोवेशन से सफलता

Waaree Energies Ltd. के CEO डॉ. अमित पैठनकर ने कहा,
“चिखली प्लांट का ट्रायल प्रोडक्शन शुरू होना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न सिर्फ भारत की रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को मजबूत करेगा, बल्कि हमारी इम्पोर्ट डिपेंडेंस भी कम होगी। यह प्लांट रिसर्च और इनोवेशन पर हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है, जो भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ और सस्टेनेबिलिटी में योगदान देगा।”

Waaree ने हमेशा से रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश किया है ताकि सोलर टेक्नोलॉजी में नई ऊंचाइयों को छुआ जा सके। चिखली प्लांट टेक्नोलॉजिकल एक्सीलेंस, सस्टेनेबिलिटी और स्ट्रैटेजिक विज़न का परफेक्ट उदाहरण है।

2024 के अंत तक Waaree की उपलब्धियां 

मुंबई स्थित इस कंपनी ने 2024 के अंत तक गुजरात के विभिन्न शहरों – चिखली, सूरत, टुंब और नंदीग्राम – में अपनी फैक्ट्रियों के जरिए 13.3 GW सोलर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता स्थापित कर ली थी।

पिछले महीने, Waaree Energies ने ओडिशा में एक नई परियोजना की शुरुआत की, जिसमें 6-GW प्रोडक्शन हब स्थापित किया जाएगा। इस हब में वेफर, सेल और मॉड्यूल का उत्पादन होगा।

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