Off-Grid Solar System क्या है? किसके लिए फायदेमंद है – जानिए इसकी कीमत और फीचर्स 

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आजकल बिजली के बढ़ते बिल और पर्यावरण को लेकर बढ़ती चिंता के बीच ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। अगर आप भी बिजली की समस्या से परेशान हैं या फिर अपने घर या बिजनेस में बिजली के खर्चे को कम करना चाहते हैं, तो ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए एक स्मार्ट चॉइस हो सकता है। आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके फायदे और इसकी कीमत क्या है।

what is Off-Grid Solar System

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है?

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम एक ऐसी सोलर एनर्जी सिस्टम है जो बिजली ग्रिड से पूरी तरह स्वतंत्र होता है। इस सिस्टम में सोलर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी और चार्ज कंट्रोलर जैसे कॉम्पोनेंट्स शामिल होते हैं। यह सिस्टम सूरज की रोशनी से बिजली पैदा करता है और उसे बैटरी में स्टोर करके रखता है, ताकि रात में या बादल वाले दिनों में भी बिजली का इस्तेमाल किया जा सके।

ऑफ-ग्रिड सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बिजली कंपनी पर निर्भर नहीं करता। यानी अगर आपके एरिया में बिजली कटौती हो रही है, तो भी आपके घर या ऑफिस में बिजली की सप्लाई बिना रुकावट के चलती रहेगी।

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?

  1. सोलर पैनल: सोलर पैनल सूरज की रोशनी को अवशोषित करके उसे डायरेक्ट करंट (DC) में बदलते हैं।
  2. चार्ज कंट्रोलर: यह डिवाइस बैटरी को ओवरचार्जिंग से बचाता है और सोलर पैनल से आने वाली बिजली को नियंत्रित करता है।
  3. बैटरी: बैटरी में बिजली स्टोर की जाती है, ताकि रात में या जरूरत के समय इसका इस्तेमाल किया जा सके।
  4. इन्वर्टर: इन्वर्टर का काम डायरेक्ट करंट (DC) को अल्टरनेटिंग करंट (AC) में बदलना है, क्योंकि ज्यादातर घरेलू उपकरण AC करंट पर ही काम करते हैं।

किनके लिए फायदेमंद है ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम?

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहां बिजली की उपलब्धता सीमित या अनियमित है। ग्रामीण इलाकों, दूरस्थ स्थानों, या ऐसे स्थान जहां बिजली कटौती आम है, वहां यह सिस्टम अत्यंत लाभदायक साबित होता है। इसके अलावा, जो लोग ऊर्जा स्वतंत्रता चाहते हैं या अपने बिजली बिल को कम करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह एक उत्कृष्ट विकल्प है।

कीमत और फीचर्स:

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत उसकी क्षमता और उपयोग किए गए उपकरणों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। भारत में, 1 किलोवाट (kW) से 10 किलोवाट तक के सिस्टम उपलब्ध हैं। नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • 1 kW सिस्टम: यह छोटे घरों के लिए उपयुक्त है और इसकी कीमत लगभग ₹50,000 से ₹70,000 तक होती है। यह सिस्टम पंखा, लाइट, टीवी जैसे उपकरण चला सकता है।
  • 2 kW सिस्टम: मध्यम आकार के घरों के लिए उपयुक्त, इसकी कीमत ₹1,05,000 से ₹1,99,000 तक होती है। यह फ्रिज, कूलर आदि उपकरण भी चला सकता है।
  • 5 kW सिस्टम: बड़े घरों या छोटे व्यवसायों के लिए उपयुक्त, इसकी कीमत ₹4,85,000 तक हो सकती है। यह एसी, वॉशिंग मशीन जैसे भारी उपकरण भी संभाल सकता है।

ध्यान दें कि कीमतें ब्रांड, गुणवत्ता और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं। उदाहरण के लिए, लूम सोलर के अनुसार, 1 kW सिस्टम की कीमत ₹50,000 से शुरू होती है, जबकि 5 kW सिस्टम की कीमत ₹4,85,000 तक हो सकती है.

लेटेस्ट फीचर्स

2025 में Off-Grid Solar Systems में कई एडवांस्ड फीचर्स आ गए हैं:

  1. हाई-एफिशिएंसी पैनल्स: नए जेनरेशन के पैनल्स 22-24% एफिशिएंसी के साथ आते हैं, जो पुराने मॉडल्स से 30% ज्यादा पावर जेनरेट करते हैं
  2. स्मार्ट मॉनिटरिंग: मोबाइल ऐप से अपने सिस्टम की परफॉरमेंस ट्रैक करें, रियल-टाइम डेटा देखें और अलर्ट्स पाएं
  3. लिथियम-आयन बैटरीज: पुरानी लेड-एसिड बैटरीज की तुलना में 3 गुना ज्यादा लाइफस्पैन और बेहतर परफॉरमेंस
  4. हाइब्रिड इनवर्टर्स: ग्रिड और ऑफ-ग्रिड मोड दोनों में काम कर सकते हैं, ताकि आप फ्यूचर में ग्रिड से कनेक्ट भी कर सकें
  5. एआई-पावर्ड एनर्जी मैनेजमेंट: आपके यूजेज पैटर्न के हिसाब से ऑटोमैटिकली एनर्जी को मैनेज करता है

क्या है ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट)?

हालांकि शुरुआती इन्वेस्टमेंट ज्यादा लगता है, लेकिन यहां समझें कि कितने समय में आपको फायदा होगा:

  • अगर आपका मासिक बिजली बिल ₹5,000 है, तो 5kW का सिस्टम लगभग 5-6 साल में अपनी कीमत वसूल कर लेगा
  • सोलर पैनल्स की लाइफ 25+ साल होती है, यानि 6 साल के बाद के 19+ साल आप लगभग फ्री में बिजली का आनंद उठाएंगे
  • बैटरी हर 7-10 साल में रिप्लेस करनी पड़ती है, जो एक्स्ट्रा मेंटेनेंस कॉस्ट है

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