इन दिनों किसानों के लिए सोलर पंप एक शानदार समाधान साबित हो रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली की उपलब्धता कम है। भारत सरकार ने PM-KUSUM योजना के तहत किसानों को सोलर पंप पर बड़ी सब्सिडी देने की व्यवस्था की है। आइए 1 HP सोलर पंप लगाने का खर्च और इससे मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जानते हैं।

सोलर पंप के प्रकार
अब यह सवाल उठता है कि सोलर पंप कितने प्रकार के होते हैं और किसे चुनना चाहिए? सोलर पंप मुख्य रूप से दो कैटेगरी में आते हैं – डीसी सोलर पंप और एसी सोलर पंप। डीसी पंप सीधे सोलर पैनल से कनेक्ट होते हैं, जबकि एसी पंप को इनवर्टर की आवश्यकता होती है। यदि आप छोटे खेत के लिए सोलर पंप लगाना चाहते हैं, तो डीसी पंप एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वहीं, बड़े खेतों के लिए एसी सोलर पंप अधिक उपयुक्त साबित हो सकते हैं।
1 HP सोलर पंप की लागत
1 HP सोलर पंप की लागत कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है जैसे कि पंप का प्रकार, सोलर पैनल की क्षमता और इंस्टॉलेशन की जरूरतें। आमतौर पर, 1 HP सोलर पंप की कीमत ₹55,000 से लेकर ₹75,000 तक हो सकती है। इसमें सोलर पैनल, पंप और इंस्टॉलेशन चार्ज शामिल होते हैं।
सोलर पंप की क्षमता | अनुमानित लागत (₹) |
1 HP | ₹55,000 – ₹75,000 |
सब्सिडी के बाद कीमत
सरकार की पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप पर भारी सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत 1 hp सोलर पंप पर करीब 90% तक सब्सिडी मिलती है, जिसमें से 60% राशि सीधी सब्सिडी के रूप में होती है और 30% की राशि बैंक से लोन के तौर पर मिलती है। इसका मतलब है कि आपको केवल 10% राशि ही खुद से लगानी होती है।
सब्सिडी और लोन | सब्सिडी % | वास्तविक कीमत (लगभग) |
सीधी सब्सिडी | 60% | ₹33,000 – ₹45,000 |
लोन | 30% | ₹16,500 – ₹22,500 |
खुद का खर्च | 10% | ₹5,500 – ₹7,500 |
आवेदन कैसे करें?
पीएम कुसुम योजना के तहत आवेदन करना बहुत आसान है। इसके लिए आप pmkusum.mnre.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपने राज्य के अनुसार रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- भूमि से संबंधित दस्तावेज
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन शुल्क लगभग ₹50 प्रति किलोवाट है, जिसे ऑनलाइन माध्यम से जमा करना होता है। योजना के तहत पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाता है।
पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- आवेदनकर्ता के पास अपनी खेती की जमीन होनी चाहिए या वह पट्टे पर जमीन लेकर खेती कर रहा हो।
- उसके पास सिंचाई के लिए जल स्रोत जैसे कुआं या तालाब होना चाहिए।
- जिनके पास बिजली या डीजल पंप हैं, वे इसका आधुनिकीकरण कर सकते हैं।
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