भारत की सबसे बड़ी हाइड्रोपावर कंपनी NHPC Ltd ने एक जबरदस्त प्लान बनाया है! कंपनी करीब ₹84,000 करोड़ का निवेश करने जा रही है, जिससे 20 गीगावॉट (GW) का पंप स्टोरेज कैपेसिटी तैयार किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर ₹1.2 ट्रिलियन की लागत आएगी, जिसे NHPC संयुक्त उपक्रमों (Joint Ventures) के जरिए पूरा करेगी।

क्या है NHPC का नया पंप स्टोरेज प्लान?
NHPC के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राज कुमार चौधरी ने बताया कि कंपनी 20 पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिनमें से 12 के प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट (PFR) तैयार हो चुकी है और 6 के लिए डीपीआर (DPR) बन रहा है। इसके अलावा 8 और प्रोजेक्ट्स के लिए भी स्टडी चल रही है। इसका मतलब? NHPC जल्द ही 20,000 मेगावॉट (MW) की बिजली पैदा करने के लिए पूरी तरह तैयार है!
किन राज्यों में लगाए जाएंगे ये पावर प्लांट?
NHPC इस प्रोजेक्ट को अलग-अलग राज्यों की सरकारों के साथ मिलकर पूरा कर रही है। मुख्य रूप से ये प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में लगाए जाएंगे। आंध्र प्रदेश में APGENCO-NHPC Green Energy Ltd (ANGEL) नाम से जॉइंट वेंचर बनाया गया है, जो 5 बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करेगा। बाकी राज्यों में NHPC अलग-अलग संयुक्त उपक्रमों में 74-76% हिस्सेदारी के साथ यह प्रोजेक्ट डेवलप कर रही है। लागत की बात करें तो प्रति मेगावॉट ₹6 करोड़ की लागत आएगी। यानी कुल खर्चा ₹1.2 ट्रिलियन होगा, जिसमें से ₹84,000 करोड़ NHPC लगाएगी।
Renewable Energy सेक्टर में भी बड़ा कदम
NHPC सिर्फ हाइड्रोपावर ही नहीं, बल्कि ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भी बड़ा दांव खेलने जा रही है। कंपनी ने अपनी NHPC Renewable Energy Ltd (NREL) को अगले दो सालों में स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने की योजना बनाई है। अभी NHPC के पास 261.7MW की ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी है और 1,490 MW का प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। जब यह प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे, तब कंपनी अपने Renewable Energy सेक्शन को अलग कंपनी के रूप में मार्केट में उतारेगी। NHPC के मुताबिक, इस ग्रीन एनर्जी डिवीजन में पंप स्टोरेज, ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर और विंड एनर्जी को शामिल किया जाएगा।
NHPC का बड़ा सपना: 22GW Hydropower
NHPC के CMD ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य FY2034 तक 22 GW हाइड्रोपावर बनाने का है, जो मौजूदा 7.3 GW से तीन गुना ज्यादा होगा। इसके अलावा, NHPC 11 GW के Siang Hydroelectric Project पर भी काम कर रही है, जिसका मुख्य मकसद चीन की अचानक छोड़ी गई बाढ़ को रोकना और भारत को पानी की किल्लत से बचाना है। Siang Project में 13 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी स्टोर किया जा सकेगा। अगर चीन सूखे के मौसम में पानी रोकता है, तो यह बैकअप जल स्रोत का काम करेगा। यह प्रोजेक्ट रणनीतिक रूप से बेहद अहम है और इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा भी है।
Green Hydrogen: NHPC का अगला मास्टर स्ट्रोक!
NHPC सिर्फ बिजली नहीं, बल्कि अब ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन और सेलिंग में भी उतरने वाली है। NHPC के 3 बड़े ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स जिसमें से लेह में हाइड्रोजन से बसें चलाने की योजना है। कारगिल में फ्यूल सेल से ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन करना है और चंबा (हिमाचल) में ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन प्लांट लगाना है। NHPC का मानना है कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के ग्लोबल एक्सपोर्ट मार्केट में भी अपनी जगह बना सकता है।
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