अगर आप शेयर मार्केट के चक्कर में हैं और Waaree Energies के बारे में जानते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। यह कंपनी, जो एक समय मल्टीबैगर स्टॉक मानी जा रही थी, अब डालर स्ट्रीट पर अपने डेब्यू के बाद से ही मुश्किलों का सामना कर रही है। पिछले 4 महीनों में इसके शेयरों में 42% तक की गिरावट आई है, जिसने निवेशकों की जेब पर भारी असर डाला है। तो क्या अब Waaree Energies में निवेश करना सही रहेगा? आइए, डिटेल में जानते हैं।

Waaree Energies का मार्केट सफर
Waaree Energies ने 28 अक्टूबर 2024 को डालर स्ट्रीट पर अपनी एंट्री मारी थी। कंपनी ने अपने आईपीओ के जरिए 4,321.44 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसमें प्रति शेयर की कीमत 1,503 रुपये थी। शुरुआत में तो शेयर ने जबरदस्त परफॉर्मेंस दिखाई और 6 नवंबर 2024 तक इसकी कीमत 3,740.75 रुपये तक पहुंच गई, यानी आईपीओ प्राइस से लगभग 150% का उछाल। लेकिन, अब ये शेयर गिरकर 2,172.10 रुपये पर आ गया है, जो इसके ऑल-टाइम हाई से 42% कम है। यहां तक कि 27 जनवरी 2025 को ये शेयर अपने पोस्ट-लिस्टिंग लो 2,030 रुपये तक भी पहुंच गया था।
क्या है Waaree Energies?
Waaree Energies भारत की सबसे बड़ी सोलर PV मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना दिसंबर 1990 में हुई थी और इसकी कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 12 GW है। कंपनी का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो PV मल्टीक्रिस्टलाइन मॉड्यूल, मोनोक्रिस्टलाइन मॉड्यूल और TopCon मॉड्यूल जैसी सोलर एनर्जी प्रोडक्ट्स से भरा हुआ है।
क्यों गिर रहे हैं शेयर?
एनालिस्ट्स का मानना है कि Waaree Energies के शेयर में गिरावट की वजह अमेरिका में नए टैरिफ और नीतियों का अनिश्चित माहौल है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ के चलते यह कंपनी आने वाले सालों में मजबूत रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ दिखा सकती है।
डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मार्केट में Waaree की पकड़
Waaree Energies का डोमेस्टिक ऑर्डर बुक 14.4 GW है और भारत ने FY24 में 6 GW मॉड्यूल का एक्सपोर्ट किया, जिसमें Waaree और Adani टॉप एक्सपोर्टर्स रहे। अमेरिका में भी Waaree ने 1.6 GW क्षमता वाला एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया है, ताकि एक्सपोर्ट से जुड़ी दिक्कतों से निपटा जा सके।
क्या कहते हैं ब्रोकरेज फर्म्स?
ब्रोकरेज फर्म्स Waaree Energies के शेयर को लेकर दो धड़ों में बंटे हुए हैं। कुछ का मानना है कि अमेरिकी बाजार में अनिश्चितता के चलते यह शेयर अभी भी महंगा है। वहीं, दूसरे एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ के चलते यह कंपनी आने वाले सालों में मजबूत परफॉर्मेंस दिखा सकती है।
KR Choksey जैसी फर्म्स का मानना है कि Waaree अपने बड़े स्केल और साइज की वजह से इंडस्ट्री के बदलते डायनामिक्स को हैंडल करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि FY24 से FY27E के बीच Waaree का रेवेन्यू, EBITDA और PAT क्रमशः 31%, 48% और 40% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।
कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस
Waaree Energies ने दिसंबर 2024 क्वार्टर में अपने नेट प्रॉफिट में 260% की बढ़ोतरी दर्ज की, जो 507 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, रेवेन्यू 117% बढ़कर 3,458 करोड़ रुपये हो गया। अमेरिका ने कंपनी के कुल रेवेन्यू में 15-20% का योगदान दिया।
Waaree Energies ने अपने इन्वेस्टर डे में चार नई पहलों की घोषणा की है, जिनमें इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, BESS मैन्युफैक्चरिंग, इन्वर्टर्स और रिन्यूएबल पावर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। ये सभी पहलें रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में कंपनी की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप Waaree Energies में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि यह शेयर अभी भी वोलैटाइल है। हालांकि, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ के चलते लॉन्ग टर्म में यह कंपनी अच्छा रिटर्न दे सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 30% करेक्शन के बाद यह शेयर निवेश के लिए बेहतर पोजीशन में आ गया है।
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