अगर आप सोलर एनर्जी से जुड़कर पैसा कमाने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है! जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना के तहत 26.77 मेगावाट के ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर जारी किया है। इस प्रोजेक्ट को Renewable Energy Service Company (RESCO) मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा।
टेंडर सबमिशन की आखिरी तारीख और प्रक्रिया
अगर आप इस टेंडर में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो जल्दी करें! बिड सबमिट करने की आखिरी तारीख 15 जनवरी 2025 है, और सभी बिड्स को 17 जनवरी 2025 को खोला जाएगा। लेकिन ध्यान रहे, इसमें भाग लेने के लिए कुछ जरूरी शुल्क और गारंटी जमा करनी होगी। आपको प्रति MW के हिसाब से ₹1 लाख का Earnest Money Deposit (EMD), ₹5 लाख की Performance Bank Guarantee, ₹11,800 का बिड डॉक्यूमेंट शुल्क और ₹2,950 का e-प्रोक्योरमेंट प्रोसेसिंग शुल्क जमा करना होगा।
क्या है प्रोजेक्ट की लागत और समय सीमा?
किसानों और निवेशकों के लिए यह प्रोजेक्ट एक शानदार अवसर है, जहां ₹3.5 करोड़ प्रति मेगावाट की अनुमानित लागत पर आप अपनी हरियाली ऊर्जा का सपना साकार कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि प्रोजेक्ट अवार्ड मिलने के सिर्फ 9 महीनों में पूरा हो जाएगा। PM-KUSUM योजना के तहत आपको केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता भी मिल सकती है। यह योजना किसानों के लिए सोलर ऊर्जा से कमाई का शानदार अवसर है।
क्या होगा बिडर्स का काम?
सोलर प्रोजेक्ट में बिडर्स की भूमिका बेहद खास और जिम्मेदारी भरी होगी! उन्हें पूरे सोलर सिस्टम का खाका तैयार करना होगा, जिसमें डिज़ाइनिंग और सर्वेक्षण, उपकरणों की सप्लाई और इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग और कमीशनिंग से लेकर ऑपरेशन और 25 साल तक मेंटेनेंस शामिल है। इतना ही नहीं, बिडर्स को 33 kV या 11 kV की लाइन भी बनानी होगी, ताकि सोलर सिस्टम को सब-स्टेशन से जोड़ा जा सके। साथ ही, प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए एक एडवांस रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम भी इंस्टॉल करना होगा। यह सब मिलकर इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट और टिकाऊ बनाएगा!
किसानों के लिए खास मौका
PM-KUSUM योजना के तहत किसान भी इस प्रोजेक्ट में हिस्सा ले सकते हैं।
- किसान, व्यक्तियों, को ऑपरेटिव या किसान-प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन को अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाने का मौका मिलेगा।
- कम से कम प्रोजेक्ट लागत का 20% फाइनेंस करने की शर्त है।
- भारत में बने सोलर पैनल और सेल्स का उपयोग अनिवार्य है।
सोलर प्रोजेक्ट्स की टेक्निकल डिटेल्स
अगर आप सोलर प्रोजेक्ट्स में हाथ आज़माना चाहते हैं, तो ये टेक्निकल डिटेल्स जरूर जान लें! आपको 19% क्षमता उपयोग कारक (Capacity Utilization Factor) बनाए रखना होगा। 2.55 MW से कम क्षमता वाले प्रोजेक्ट्स को 11 kV साइड पर कनेक्ट किया जाएगा, जबकि 2.55 MW से ज्यादा वाले प्रोजेक्ट्स 33 kV साइड पर कनेक्ट होंगे। खास बात ये है कि बिडर्स एक से ज्यादा प्रोजेक्ट्स के लिए बिड डाल सकते हैं, यानी बड़े मौकों के दरवाजे खुले हैं।
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