पीएम सूर्यघर योजना में सर्विस चार्ज के लिए ₹657 करोड़ का बजट आवंटित, प्रत्येक गांव को मिलेंगे 5 लाख रुपए 

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भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई पीएम सूर्यघर योजना एक अनोखी पहल है, जो देश के लाखों घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। इस योजना के तहत, सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन के माध्यम से एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे देश में सौर ऊर्जा की क्षमता में वृद्धि होगी और बिजली की निर्भरता घटेगी। यह योजना 29 फरवरी 2024 को मंजूर की गई थी और इसे 2026-27 तक लागू किया जाएगा।

₹657 Cr Service Charge for PM Suryaghar Yojana

हाल ही में, इस योजना के तहत सर्विस चार्ज के लिए ₹657 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इस बजट से योजना की विभिन्न प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से लागू करने में मदद मिलेगी। प्रत्येक गांव को ₹5 लाख रुपए तक की सहायता राशि मिलेगी, जबकि कुछ विशेष श्रेणी के राज्यों को ₹7.5 लाख तक की सहायता दी जाएगी।

क्या है पीएम सूर्यघर योजना?

पीएम सूर्यघर: मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य भारत में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देना है। इसके तहत घर-घर में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे लोग अपने घरों में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा कर सकेंगे। इस योजना में ₹75,021 करोड़ का कुल बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से ₹657 करोड़ की राशि विभिन्न एजेंसियों को सर्विस चार्ज के रूप में आवंटित की गई है।

यह योजना न केवल ऊर्जा की बचत करेगी, बल्कि भारत को पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को भी पूरा करने में मदद करेगी। इसके अलावा, यह योजना केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) के माध्यम से भी लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

सर्विस चार्ज के लिए ₹657 करोड़ का बजट कैसे काम करेगा?

सर्विस चार्ज के लिए आवंटित ₹657 करोड़ का मुख्य उद्देश्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना और विभिन्न एजेंसियों को प्रशासनिक समर्थन देना है। यह राशि नेशनल प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन एजेंसी (NPIA) और स्टेट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसी (SIA) जैसी विभिन्न संस्थाओं को वितरित की जाएगी।

  • NPIA को कुल ₹32.85 करोड़ (5% सर्विस चार्ज) दिए जाएंगे, जो तीन सालों में बराबर किस्तों में वितरित किए जाएंगे।
  • SIA (राज्य स्तर की एजेंसियों) को ₹200 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर वितरित किया जाएगा। प्रत्येक राज्य को न्यूनतम ₹50 लाख मिलेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए क्या खास?

मॉडल सोलर विलेज योजना के तहत, प्रत्येक गांव को सोलर पैनल स्थापित करने पर ₹5 लाख की सहायता मिलेगी। विशेष श्रेणी के राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों को ₹7.5 लाख तक की सहायता दी जाएगी।

इस योजना के तहत, हर गांव को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या का समाधान होगा। इसके अलावा, विशेष श्रेणी के राज्यों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है ताकि उनकी भौगोलिक और आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखा जा सके।

योजना की पारदर्शिता और निगरानी

योजना के तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आईटी सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा और तृतीय पक्ष द्वारा निरीक्षण और मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके अलावा, शिकायत निवारण के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे ताकि लोगों को कोई समस्या होने पर त्वरित सहायता मिल सके।

सभी एजेंसियों को इस बजट का सही और पारदर्शी तरीके से उपयोग करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी। साथ ही, इस योजना का ऑडिट भी समय-समय पर किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी धन का दुरुपयोग न हो।

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