पीएम सूर्यघर योजना में फार्म भरने के बाद क्या प्रोसेस है, पूरी जानकारी ले यहाँ  

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प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना, जिसे “मुफ्त बिजली योजना” के रूप में भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश के हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाना है। इस योजना के तहत, योग्य नागरिक अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाकर 300 यूनिट तक की मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपने इस योजना के तहत आवेदन कर दिया है या करने वाले हैं, तो आइए जानते हैं आगे की पूरी प्रक्रिया

Suryaghar Yojana Process Steps

पीएम सूर्यघर योजना: मुख्य बातें

  • लाभ: हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली।
  • सब्सिडी: 60% तक, लगभग 30,000 से 78,000 रुपये प्रति किलोवाट।
  • लक्ष्य: 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाना।

आवेदन प्रक्रिया के बाद क्या होता है?

  1. रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करें: अगर आपने सफलतापूर्वक आवेदन किया है, तो आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक पुष्टि संदेश मिलेगा। इसमें आपकी एप्लिकेशन की स्टेटस दी जाती है।
  2. फार्म जमा करने के बाद फीजिबिलिटी अप्रूवल: आवेदन के बाद आपकी एप्लिकेशन की जाँच होगी और आपको डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनी) से फीजिबिलिटी अप्रूवल मिल जाएगा। इस प्रक्रिया में आपके घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए स्थान की जाँच होती है। डिस्कॉम (Electricity Distribution Company) आपके द्वारा दिए गए विवरण की पुष्टि करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आपकी छत सोलर पैनल लगाने के योग्य है या नहीं। यह चरण 15 से 30 दिनों के भीतर पूरा हो सकता है।
  3. वेंडर का चयन: जब आपकी छत की उपयुक्तता की पुष्टि हो जाती है, तब आपको डिस्कॉम द्वारा मंजूरी मिलती है। इसके बाद, आप पैनल लगाने के लिए एक पंजीकृत वेंडर (जो डिस्कॉम से अधिकृत हो) को चुनना होता है, जिसकी लिस्ट पीएम सूर्यघर योजना के पोर्टल पर मिल जाएगी। 
  4. सोलर पैनल इंस्टॉलेशन: वेंडर आपके छत पर सोलर पैनल को इंस्टॉल करेगा। यह प्रक्रिया आपके द्वारा चुनी गई क्षमता (kW) के आधार पर अलग-अलग समय ले सकती है। ​सोलर पैनल इंस्टॉलेशन एक महत्वपूर्ण चरण है और यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी उपकरण सही तरीके से लगाए गए हैं। 
  5. नेट मीटरिंग के लिए आवेदन: सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के बाद, आपको नेट मीटरिंग के लिए आवेदन करना होता है। नेट मीटरिंग सिस्टम से यह सुनिश्चित होता है कि अगर आपके सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली आपके उपयोग से अधिक है, तो वह ग्रिड में चली जाएगी और आपकी बिजली बिल से कटौती होगी। नेट मीटरिंग के लिए आवेदन की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में पूरी हो जाती है।
  6. डिस्कॉम द्वारा निरीक्षण: पैनल लगने और नेट मीटरिंग इंस्टॉल होने के बाद, डिस्कॉम की टीम आपके घर का निरीक्षण करती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सारा सिस्टम सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। इस चरण के बाद आपको डिस्कॉम द्वारा एक कमीशनिंग रिपोर्ट जारी की जाती है।
  7. सब्सिडी प्राप्ति: कमीशनिंग रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, आपको बैंक खाते की जानकारी और कैंसिल्ड चेक की एक प्रति पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। इसके बाद, 30 दिनों के भीतर आपकी सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

दस्तावेजों की आवश्यकता

  1. पहचान प्रमाण (आधार कार्ड)
  2. पता प्रमाण
  3. बिजली बिल की कॉपी
  4. छत की स्वामित्व का प्रमाण
  5. बैंक पासबुक की कॉपी
  6. इंस्टॉलेशन के बाद साइट की तस्वीरें

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