अगर आपको लगता है कि भारत का हरित ऊर्जा (Renewable Energy) सेक्टर सिर्फ सोलर पैनल और विंड टर्बाइन तक सीमित है, तो यह खबर आपकी सोच बदल देगी। Waaree Renewable Technologies Limited ने हाल ही में एक बड़ी डील का ऐलान किया है, जो न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। कंपनी को Continuum Green Energy Limited की तरफ से 40 MWh (मेगावाट-आवर) के बैटरी स्टोरेज सिस्टम का EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) कॉन्ट्रैक्ट मिला है। इस डील की कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है! यह जानकारी SEBI (सेबी) के नियमों के तहत सार्वजनिक की गई है, जिससे पता चलता है कि यह डील पूरी तरह पारदर्शी और नियमों के अनुसार है।

बैटरी स्टोरेज सिस्टम क्यों जरूरी है?
अगर आप सोच रहे हैं कि बैटरी स्टोरेज सिस्टम की इतनी चर्चा क्यों हो रही है, तो समझिए कि यह टेक्नोलॉजी भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। सोलर और विंड एनर्जी जैसे रिन्यूएबल स्रोतों में एक बड़ी चुनौती यह है कि यह हमेशा उपलब्ध नहीं रहते। सूरज निकलने पर सोलर एनर्जी मिलती है और हवा चलने पर विंड एनर्जी, लेकिन जब यह नहीं होते, तो बिजली कहां से आएगी? यहीं पर बैटरी स्टोरेज सिस्टम काम आता है। यह सिस्टम एक्स्ट्रा एनर्जी को स्टोर करके रखता है और जरूरत पड़ने पर ग्रिड को सप्लाई करता है। इससे बिजली की आपूर्ति लगातार और भरोसेमंद बनी रहती है।
Waaree का योगदान
Waaree Renewable Technologies ने पहले ही भारत के सोलर एनर्जी सेक्टर में अपनी पहचान बना ली है। अब यह कंपनी एनर्जी स्टोरेज के क्षेत्र में भी अपनी क्षमता साबित करने जा रही है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे यह साफ होता है कि Waaree न केवल बड़े प्रोजेक्ट्स को हैंडल करने में सक्षम है, बल्कि यह भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में भी अहम भूमिका निभा रही है।
क्या है Continuum Green Energy Limited का रोल?
Continuum Green Energy Limited एक घरेलू कंपनी है जो रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में सक्रिय है। इस प्रोजेक्ट में Waaree और Continuum के बीच कोई रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं है, यानी दोनों कंपनियों के प्रमोटर्स या ग्रुप कंपनियों का इस डील में कोई हित नहीं है। यह एक पूरी तरह कमर्शियल एग्रीमेंट है जो दोनों पक्षों के बीच पारदर्शिता और निष्पक्षता को दर्शाता है।
भारत में बैटरी स्टोरेज का बढ़ता बाजार
भारत में सोलर और विंड एनर्जी का तेजी से विस्तार हो रहा है, लेकिन इनसे बनने वाली बिजली को सही तरीके से स्टोर करने की चुनौती बनी हुई है। ऐसे में बैटरी स्टोरेज सिस्टम बहुत अहम हो जाते हैं। सरकार भी इस दिशा में कई योजनाएं बना रही है ताकि भारत की ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन को और तेज किया जा सके।
इस प्रोजेक्ट के साथ Waaree Renewable Technologies Limited ने यह साबित कर दिया है कि वह बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में पूरी तरह सक्षम है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट की जानकारी SEBI को देते हुए ट्रांसपेरेंसी और रेगुलेटरी कंप्लायंस का भी पूरा ध्यान रखा है।
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